भीषण गर्मी के कारण 2024 में हज यात्रा के दोरान 1300 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई। हज तीर्थयात्रा के दोरान मुस्लिम तीर्थयात्री 15 जून 2024 को माउंट अराफात, जिसे दया का पर्वत या जबल अल-रहमा बोला जाता है, वहा धूप से बचने के लिए छाते का उपयोग करते है। एशिया देश भीषण गर्मी की चपेट में हैं।
सऊदी के स्वास्थ्य मंत्री फहद बिन अब्दुर्रहमान अल-जलाजेल ने कहा कि 1300 लोगों की हज तीर्थयात्रा के दौरान मृत्यु हुई है, उनमें से 83 प्रतिशत लोग (Unauthorised)अनधिकृत तीर्थयात्री थे, जो पवित्र शहर मक्का और मक्का के आस-पास हज की रस्म पूरी करने के लिए लंबी दूरी पैदल चलकर भीषण गर्मी में आए थे।
- मक्का में तापमान 49-52 डिग्री सेल्सियस के बिच मे रहा था।
- 83 प्रतिशत लोग जिनकी तीर्थयात्रा के दौरान मृत्यु हुई, वे लोग अनधिकृत तीर्थयात्री थे।
- कुल मृतकों में से 98 भारतीय थे।
- हज यात्रा में जिन लोगों की मौत हुई उन लोगों में 660 से अधिक लोग मिस्र के नागरिक थे।
राज्य के स्वामित्व(State owned) वाले अल-अखबारिया-टीवी से बात करते हुए मंत्री ने कहा की हज तीर्थयात्रा में जो लोगों की मृत्यु हुई उनकी पहचान प्रक्रिया में देरी हुई क्योंकि कई मृत तीर्थयात्रियों के पास उचित पहचान दस्तावेज नहीं थे।
मंत्री ने कहा कि मृत तीर्थयात्रियों को मक्का में दफनाया गया, बिना कोई विवरण दिए।
मंत्री जी ने कहा कि 95 प्रतिशत तीर्थयात्रियों का अस्पताल में इलाज चला, जिनमें से कुछ लोगों को (Riyadh)रियाद में इलाज के लिए हवाई मार्ग से लाया गया।
भारत के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि कुल मृतकों में से 98 भारतीय है।
हज यात्रा में जिन लोगों की मौत हुई उन लोगों में 660 से अधिक लोग मिस्र के नागरिक है, इनमे से 31 लोगो को छोड़कर सभी अनाधिकृत तीर्थयात्री थे।
रिपोर्ट्स के मुताबित पता चला है कि मिस्र ने 16 ट्रैवल एजेंसियों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं जो अनधिकृत तीर्थयात्रियों को सऊदी अरब की यात्रा करवाने में मदद करती थीं।
अधिकारियों ने बताया कि ज़्यादातर मृतक बुज़ुर्ग थे जो बिना आराम के सीधी धूप में लंबी दूरी तक पैदल चले थे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि इस साल 1,75,000 भारतीय तीर्थयात्री हज पर आ चुके हैं, 98 तीर्थयात्री हैं जो हज में मारे गए हैं। इस साल जो हज यात्रियों की मौत हुई है उसका अहम कारण भीषण गर्मी है।
हज यात्रा के दोरान जिन लोगो की मौत हुई है वो अनधिकृत तीर्थयात्री जिनके पास उच्च सुविधा नहीं थी जिसकी वजह से तीर्थयात्री गर्मी से अधिक प्रभावति हुए 2024 में सऊदी अरब का तापमान 49-52 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था हज यात्री रेगिस्तान के रास्ते पर पैदल यात्रा कर रहे हैं हज परमिट कोटा प्रणाली के आधार पर देशों को दिए जाते हैं, लेकिन इनमें से प्रत्येक परमिट की कीमत हजारों डॉलर होती है। यही कारण है कि कई तीर्थयात्री अवैध रूप से तीर्थयात्रा करने का प्रयास करते हैं, जो उन्हें बुनियादी ढांचे और परिवहन सुविधाओं तक पहुँचने से रोकता है।