माउथवॉश एक लिक्विड प्रोडक्ट है जो दांतों, मसूड़ों, और मुँह को धोने के लिए इस्तेमाल होते हैं। माउथवॉश में हानिकारक बैक्टीरिया को मारने के लिए एक एंटीसेप्टिक होता है जो दांतों के बीच और ज़बान पर बैक्टीरिया होते हैं। माउथवॉश का उपयोग कुछ लोग मुंह की बदबू से लडने के लिये करते हैं। और कुछ लोग इसका उपयोग दांतों की सड़न को रोकने के लिए करते हैं।
माउथवॉश में अल्कोहल और फ्लोराइड अधिक मात्रा में होता है, अल्कोहल और फ्लोराइड की मात्रा अधिक होने की वजह से यह खतरनाक हो जाता है। माउथवॉश में सिंथेटिक तत्व भी हो सकते हैं जो कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं।
Journal of Medical microbiology की पब्लिश की हुई स्टडी के मुताबिक अगर कोई दिन में 3-4 बार लगा-तार 3 महीने माउथवॉश का सेवन करता है तो मुँह में दो तरह के बैक्टीरिया पैदा होते हैं FUSOBACTERIUM NUCLEATUM और STREPTOCOCCUS ANGINOSUS ये दोनो बैक्टीरिया ही मसूड़ों का कैंसर या मुंह के कैंसर होने के कारण बनते हैं।
माउथवॉश को मसूड़ों का कैंसर और मुंह का कैंसर का कारण बताने वाली ये पहली स्टडी नहीं है इससे पहले भी कई स्टडी ने ये दवा किया है के माउथवॉश का ज़्यादा सेवन कैंसर का कारण बन सकता है।
साल 2016 में पब्लिश की हुई एक स्टडी के मुताबिक जो लोग नियमित्त रूप से माउथवॉश का सेवन करते हैं, उन्हे सर और गर्दन का कैंसर होने का ख़तरा होता है।