उत्तर प्रदेश की सरकार ने फैसला लिया था कि कावड़िया रूट पर जितनी भी खाने-पीने की दुकानें रहेंगी वहां काम करने वाले दुकानदार को उत्तर प्रदेश की सरकार ने अपने अपने नाम की नेमप्लेट लगाने का ऑर्डर दिया था। इसी नेमप्लेट वाले मामले को लेकर जम कर विवाद हुआ। विपक्षी दलो और कई दिग्गजो की तरफ से विवाद हुआ। और लोग इस फैसले का विरोध कर रहे थे और सुप्रीम कोर्ट को ये फैसला रद्द करने के लिए अनुरोध कर रहे थे।
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सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कावड़िया रूट पर दुकानदारों को नेमप्लेट लगाने के सरकार के फैसले के अमल पर रोक लगा दी और नेमप्लेट वाले मामले को रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि दुकानदार बस खाने का प्रकार लिखे, खुद का नाम लिखने की जरूरत नहीं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने योगी सरकार को एक बड़ा झटका दिया है।
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